ब्रायन लारा कौन है?
ब्रायन लारा त्रिनिदाद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं जो वेस्टइंडीज के लिए खेलते थे। इनका पूरा नाम ब्रायन चार्ल्स लारा है। ब्रायन लारा अभी तक के क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं।अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर (400 रन ) बनाने का रिकॉर्ड भी है। इसके अतिरिक्त फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर (501 रन ) बनाने का रिकॉर्ड भी ब्रायन लारा के नाम ही दर्ज है। 1994 में एजबेस्टन में डरहम के खिलाफ वारविकशायर के लिए खेलते हुए लारा नाबाद 501 रन थे जो अभी तक के क्रिकेट इतिहास में किसी बल्लेबाज़ द्वारा बनाया गया व्यक्तिगत स्कोर है। ब्रायन लारा ने अपना अंतिम टेस्ट मैच 27 नवम्बर 2006 को पाकिस्तान के खिलाफ तथा अंतिम एकदिवसीय मैच 21अप्रैल नवम्बर 2007 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला।
ब्रायन लारा का प्रारंभिक जीवन
ब्रायन लारा का जन्म 2 मई 1969 त्रिनिदाद के एक साधारण परिवार में हुआ था। ब्रायन लारा के माता पिता के कुल ग्यारह संताने थी। लारा के पिता बंटी और उनकी बड़ी बहन एग्नेस साइरस ने एक स्थानीय क्रिकेट अकादमी में उनका दाखिला करा दिया था। अपने दाखिले के समय लारा का उम्र मात्र 6 वर्ष था। इतनी कम उम्र में क्रिकेट अकादमी जाने की वजह से लारा को क्रिकेट के बारीकिय सीखने के लिए लंबा समय मिला। लारा को क्रिकेट अकादमी में प्रैक्टिस के लिए केवल रविवार को जाने दिया जाता था।
अपनी प्राइमरी शिक्षा पूरी करने के बाद चौदह साल की उम्र में लारा का दाखिला फातिमा कॉलेज में हुआ जहाँ उन्होंने कोच हैरी रामदास के देख रेख में अपने क्रिकेट कौसल को विकशित किया।अपने कॉलेज के दिनों में 14 साल की उम्र में ब्रायन लारा स्कूली क्रिकेट लीग में 126.16 प्रति पारी के औसत से 745 रन बनाए। इस जबरजस्त प्रदर्शन के परिणामस्वरूप लारा को त्रिनिदाद की राष्ट्रीय अंडर -16 टीम के लिए चयन चयनित कर लिया गया । जब वह 15 साल के थे, तब उन्हें अपना पहला वेस्टइंडीज अंडर-19 यूथ टूर्नामेंट खेलने का मौका मिला और उसी साल लारा ने अंडर-19 क्रिकेट में वेस्ट इंडीज का प्रतिनिधित्व भी किया।
लारा का घरेलु तथा फर्स्ट क्लास क्रिकेट कैरियर
1987 का वर्ष ब्रायन लारा के लिए सौगातो का वर्ष रहा। इस वर्ष आयोजित वेस्टइंडीज यूथ चैंपियनशिप में लारा के बल्ले से खूब रन बरसा। इस टूर्नामेंट के पिछले सीजन में कार्ल हूपर द्वारा बनाए गए 480 के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए ब्रायन लारा ने 498 रन बनाए। इस टूर्नामेंट को जीतने वाली त्रिनिदाद और टोबैगो की कप्तानी की भार लारा के हाथो में थी।
जनवरी 1988 में, लारा ने त्रिनिदाद और टोबैगो के लिए रेड स्ट्राइप कप में लीवार्ड द्वीप के खिलाफ फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पदार्पण किया।अपने दूसरे प्रथम श्रेणी मैच में उन्होंने बारबाडोस के खिलाफ जोएल गार्नर और मैल्कम मार्शल जैसे तेज गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाज़ी करते हुए 92 रन बनाए। इसी वर्ष बाद में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में आयोजित बाइसेन्टेनियल यूथ वर्ल्ड कप के लिए वेस्टइंडीज टीम की कप्तानी की। लारा के कप्तानी में वेस्टइंडीज टीम ने सेमीफाइनल तक का सफ़र तय किया।उस वर्ष दौरे परआई भारतीय टीम के खिलाफ वेस्टइंडीज अंडर-23 के कप्तान के रूप में लारा ने 182 रनों की पारी खेली।
वर्ष 1990 में 20 वर्ष की आयु में लारा ने त्रिनिदाद और टोबैगो के सबसे युवा कप्तान बनाए गए। लारा के कप्तानी में त्रिनिदाद ने एक दिवसीय गेडेस ग्रांट शील्ड टूर्नामेंट को जीता।वर्ष 1990 में ब्रायन लारा ने पाकिस्तान के खिलाफ वेस्टइंडीज के लिए अपना टेस्ट डेब्यू किया जिसमें उन्होंने 44 और 5 रन बनाए। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया। अपने पहले पदार्पण मैच में लारा ने 11 रन बनाए।
ब्रायन लारा का अंतरराष्ट्रीय कैरियर
1990 में पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद लारा का प्रदर्शन कुछ अच्छा नहीं रहा। उनको अपने पहले टेस्ट शतकिय पारी खेलने के लिए लगभग पांच मैच तक इंतजार करना पडा। लम्बे इंतजार के बाद जनवरी 1993 में लारा ने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 277 रन बनाए। यह उनका पहला टेस्ट शतक था अपने पहले शतकीय पारी के दौरान SCG के ग्राउंड में लारा ने 277 रन बनाए। अपने इस शतकीय पारी को यादगार बनाने के लिए लारा ने अपने बेटी का नाम सिडनी रखा। वेस्टइंडीज ने इस टेस्ट श्रृंखला को 2-1 से जीत लिया।
लारा के नाम हाई स्कोरिंग के कई विश्व रिकॉर्ड हैं।उन्होंने सबसे पहले 1994 में वार्विकशायर के लिए खेलते हुए डरहम के खिलाफ नाबाद 501 रन बनाए।अपने इस यादगार पारी के दौरान लारा ने कुल 427 गेंदों का सामना किया और 474 मिनट का समय क्रिकेट ग्राउंड पर बिताया। अपनी इस पारी के दौरान लारा ने 10 छक्के और 62 चौके लगाए। अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड भी ब्रायन लारा के नाम ही दर्ज है जिसमे उन्होंने ने इंग्लैंड के खिलाफ 2004 में नाबाद 400 रन बनाए थे।
1998 में दक्षिण अफ्रीका के हाथों पहली बार क्लीन स्वीप होने के बाद टीम के कप्तानी का भार लारा के कंधो पर आ गई। इसके बाद लारा के कप्तानी में टीम ने ऑस्ट्रेलिया के साथ चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेली जो 2-2 से ड्रॉ रही। इस टेस्ट श्रृखला में लारा ने तीन शतक और एक दोहरा शतक के मदद से कुल 546 रन बनाए। उन्हें अंतिम दोनों मैचों के लिए मैन ऑफ द मैच का तथा मैन ऑफ द सीरीज चुना गया।
लारा को 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले टेस्ट श्रृखला के लिए टीम का कप्तान बनाया गया। अपने पहले टेस्ट मैच में उन्होंने ने 110 रन बनाए। उनकी कप्तानी में, वेस्टइंडीज ने श्रीलंका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ 1-0 से जीती जिसमें लारा ने पहले टेस्ट में दोहरा शतक बनाया। 2004 में वेस्टइंडीज ने उनकी कप्तानी में इंग्लैंड में आयोजित आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती। 2004 में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें ICC द्वारा विश्व टेस्ट XI और ODI XI दोनों में नामित किया गया।
मार्च 2005 में वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के साथ लारा का पंगा हो गया जिससे उनसे कप्तानी छीन ली गई और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी टेस्ट मैच के लिए उनका चयन नहीं किया गया। लेकिन पहले टेस्ट मैच के बाद यह झगडा समाप्त हो गया और दुसरे टेस्ट मैच में उनका चयन कर लिया गया। दुसरे टेस्ट के दौरान उन्होंने 196 रन की पारी खेली। इसी श्रृखला के तीसरे मैच के दौरान दुबारा उन्होंने 176 रन की पारी खेली।
16 दिसंबर 2006 को वे वेस्टइंडीज के लिए एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने। उस समय क्रिकेट के दोनों प्रारूप में 10,000 रन बनाने वाले ब्रायन लारा और सचिन तेंदुलकर दो खिलाडी ही थे। 10 अप्रैल 2007 को लारा ने 2007 विश्व कप के बाद एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की इसके कुछ दिन बाद उन्होंने घोषणा की कि वह टूर्नामेंट के बाद सभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे।