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कुमारा संगकारा : आयु ,कैरियर ,रिकार्ड्स तथा आकडे -क्रिकेट खबर

कुमारा संगकारा कौन है?

संगकारा श्रीलंकाई  क्रिकेटर है जो श्रीलंका के रास्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए क्रिकेट खेलते थे। संगकारा ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान एक कुशल विकेट कीपर बल्लेबाज़ तथा कुशल कप्तान के रूप में बनाई है।संगकारा ने   लगभग 15 वर्षो तक श्रीलंका के लिए 500 क्रिकेट मैच खेले है। संगकारा ने केवल अपने रास्ट्रीय टीम के लिए ही नहीं क्रिकेट खेला है बल्कि उन्होंने दुनिया के बड़े क्रिकेट लीग जैसे आईपीएल ,बिग बैस लीग ,काउंटी क्रिकेट आदि में भी विभिन्न क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया है।  सन 2015 में संगकारा ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया और वर्तमान समय में वे कमेंटेटर का कार्य करते है। 

संगकारा का प्रारंभिक जीवन 

संगकारा का जन्म श्रीलंका के एक साधारण परिवार में सन 27 अक्टूबर 1977, को श्रीलंका के मटाले में हुआ था। बचपन के प्रारंभिक दिनों में क्रिकेट तथा टेनिस खेलना पसंद करते थे। संगकारा अपने स्कूल के समय टेनिस तथा क्रिकेट के टूर्नामेंट में अपने विद्यालय का प्रतिनिधित्व करते थे। स्कूल की पढाई समाप्त होने क बाद उन्होंने ने कंडी के ट्रिनिटी यूनिवर्सिटी में क़ानून की पढाई के लिए नामाकन कराया। यूनिवर्सिटी स्तर पर आयोजित होने वाली सभी प्रकार के खेल में भाग लेते थे। अपने कॉलेज के समय उन्होंने विभिन्न प्रकार के पदक भी जीते इन सभी में राइड भी शामिल है। संगकारा के क्रिकेट की समझ तथा हुनर को देखते हुए इनके कॉलेज के प्राचार्य श्री लियोनार्ड डी अल्विस ने  इनके माँ को बोला की इसे क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। 
Image Credit:Wikimedia

अंतरास्ट्रीय क्रिकेट कैरियर 

संगकारा का क्रिकेट के मैदान पर आना सनसनीखेज था। 2000 में जिम्बाब्वे ए के खिलाफ 156 रनों की धमाकेदार पारी चयनकर्ताओं को उनकी क्षमता के बारे में समझने के लिए काफी थी। संगकारा के इस धमाकेदारी पारी को देखते हुए पुरस्कार के रूप में श्रीलंका के रास्ट्रीय टीम में आगामी एकदिवसीय मैच के लिए चयन कर लिया। जिस समय संगकारा का रास्ट्रीय टीम के लिए किया गया उस समय उनकी उम्र 22 वर्ष थी। अपने कैरियर के दुसरे एक दिवसीय मैच में संगकारा को मैंन ऑफ़ द मैच का पुरस्कार मिला। संगकारा ने अपने टेस्ट कैरियर का पहला शतक अपने दसवे टेस्ट मैच में लगाया। अपने पहले टेस्ट शतक लगाने से पहले वे 90 के स्कोर पर दो बार आउट हुए थे। 

महेला जयवर्धने संगकारा के अच्छे दोस्त थे। महिला जयवर्धने के कप्तानी में संगकारा ने क्रिकेट के सभी प्रारूपो में शानदार प्रदर्शन किया। 29 जुलाई 2006 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ महिला जयवर्धने तथा संगकारा ने कोलम्बो में 624 रन की रिकॉर्ड पार्टनरशिप किया। इस विश्व रिकॉर्ड पार्टनरशिप में संगकारा ने 287 रन का योगदान दिया था। 2006-07 में वेलिंगटन के हरी पिच संगकारा ने जुझारू शतकीय पारी खेली। इस मैच में उनके इस शतकीय पारी ने साबित कर दिया की वे कोई साधारण खिलाडी नहीं है।  

संगकारा का नाम क्रिकेट के दुनिया में उन कुछ बल्लेबाजों में से एक हैं जिनके नाम टेस्ट और वनडे दोनों में 10,000 से अधिक रन बनाने का शानदार रिकॉर्ड है। संगकारा ने 2011 से 2013 तक तीन शाल के लिए आईपीएल के हैदराबाद बाद टीम का नेतृत्व किया। 

यकीनन, संगकारा ने श्रीलंका के लिए जब तक क्रिकेट खेला उन्होंने श्रीलंकाई को संतुलन हाशिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महेला जयवर्धने ने जब श्रीलंकाई टीम के  कप्तानी के जिम्मेवारी से इस्तीफा दे दिया तब श्रीलंकाई टीम के मैनेजमेंट ने  कप्तानी की जिम्मेवारी संगकारा को दे दिया। संगकारा ने कप्तानी के जिम्मेवारी को बड़े ही सफलता से निभाया। 

कप्तानी की जिम्मेवारी ने संगकारा के कॉन्फिडेंस को और अधिक बढ़ा दिया। संगकारा के कप्तानी में टीम ने बांग्लादेश में आयोजित त्रिकोणीय श्रृखला के फाइनल मुकाबले में इंडिया को हराया। 2011 के विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट में श्रीलंका का नेतृत्व किया और अपने टीम को फ़ाइनल मुकाबले तक पहुचाया हालांकि फाइनल में टीम को जीत नहीं दिला सके। फ़ाइनल मुकाबले में इंडिया के हाथो हार का सामना करना पड़ा। फ़ाइनल मुकाबले को टीम को जीत नहीं दिला सके लेकिन पूरी टूर्नामेंट के दौरान श्रीलंकाई टीम ने बढ़िया प्रदर्शन किया। फ़ाइनल मुकाबले हरने के बाद संगकारा ने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया।  2011 में  संगकारा को  ICC ODI क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया। 

संगकारा , सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा के साथ सबसे तेज 10,000 टेस्ट रन बनाने वाले दुनिया के तीसरे खिलाडी है। टेस्ट मैच डबल सेंचुरी बनाने के मामले में  सर डॉन ब्रैडमैन के बाद दूसरे स्थान संगकारा का नाम ही आता है। महिला जयवर्धने के कप्तानी में संगकारा ने विदेशी पिच पर भी बढ़िया क्रिकेट कौसल दिखाया। यदि  श्रीलंकाई क्रिकेट के इतिहास में, अर्जुन रणतुंगा निर्माता थे, सनथ जयसूर्या संहारक थे, तो संगकारा और महेला जयवर्धने को संरक्षक के रूप में याद किया जाएगा। 

अप्रैल 2014 में आयोजित 2020 विश्व के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली भारतीय टीम को हराया और 1996 के बाद पहली बार कोई बड़ा मुकाबला जीता। यह मैच श्रीलंका के लिए जितना आसन नहीं था फिर भी संगकारा ने अपने क्रिकेट कौशल के दम पर इस मैच में अर्ध शतकीय पारी खेली। इस मैच की कप्तानी लसिथ मलिंगा कर रहे थे लेकिन उस समय संगकारा टीम के सीनियर खिलाडी थे इसलिए इनपर कुछ ज्यादा ही जिम्मेवारी थी और अपने इस जिम्मेवारी को उन्होंने बखूबी निखाया भी। 

नवंबर-दिसंबर 2014 में इंग्लैंड में आयोजित एकदिवसीय श्रृंखला के दौरान, संगकारा ने एकदिवसीय मैचों में 13,000 रन पूरे किए, यह उपलब्धि हासिल करने वाले संगकारा दुनिया चौथे खिलाड़ी बन गए। उन्होंने श्रृंखला में एक शतक के बाद लगातार चार अर्धशतक बनाए। दिसंबर में, संगकारा उसी श्रृखला में 20 शतकों बनाने वाले  दूसरे श्रीलंकाई खिलाड़ी भी बने। 16 दिसंबर 2014 को, उन्होंने घरेलू धरती पर अपना अंतिम एकदिवसीय मैच खेला और 33 रन बनाए। उन्होंने 2014 में  संगकारा ने कुल 2868 रन बनाए, जो किसी भी खिलाडी द्वारा क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में आईसीसी के एक कैलेंडर में सर्वाधिक है। 

4 जनवरी 2015 को, न्यूजीलैंड के खिलाफ एक टेस्ट में, संगकारा ने अपना 11 वां दोहरा शतक बनाया। 12 दोहरा शतक बनाने के मामले में  केवल सर डॉन ब्रैडमैन ही उनसे आगे हैं। संगकारा ने अपने टेस्ट कैरियर में 12 दोहरा शतक बनाया है जो अपने आप में एक उपलब्धि है। संगकारा ने टेस्ट क्रिकेट में 12,000 रन भी पार किए।, संगकारा एकदिवसीय मैचों में जयसूर्या को पीछे छोड़ते हुए तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन है। 

संगकारा ऑस्ट्रेलिया में आयोजित वर्ल्ड कप में बेहतरीन फॉर्म में थे। उन्होंने इस पुरे टूर्नामेंट में 500 से अधिक रन बनाए जिसमें उनके नाम चार शतक शामिल हैं। वह एक विश्व कप में चार शतक बनाने वाले  दुनिया के पहले बल्लेबाज बने। विश्व कप के बाद, उन्होंने एकदिवसीय मैचों से सन्यास की घोषणा कर दिया लेकिन 2015 में भारत के खिलाफ श्रृंखला तक टेस्ट में खेलना जारी रखा। कोलंबो में अपने आखिरी टेस्ट में, उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 

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